बुधवार, 9 मई 2012

कलाधाम

दिसम्बर २२,२०१३ से जनवरी ०२,२०१४ तक अवकाश के दिनों को इन मूर्तियों को गढ़ने में लगा दिया हूँ, इसमें सहयोग किया है राजस्थान से आमन्त्रीत दो कर्बर श्री भवानी सिंह और श्री प्रेम सिंह - डॉ . लाल रत्नाकर



गुजरी - १ द्वारा डॉ.लाल रत्नाकर 

एक शहर हो सपनों का ;

एक शहर हो सपनों का सीरिज के अन्तरगत गाजियाबाद कलेक्ट्रेट में "हमलोग" मूर्ति शिल्प की स्थापना 
जिसके मूर्तिकार -डॉ.लाल रत्नाकर, अभी कई अन्य स्थानों पर अनेक मूर्तियाँ लगनी हैं .


पुराने बस अड्डे के चौराहे पर लगाई गयी इलाचेंझियाँ की मूर्ति 





अखिल भारतीय कला उत्सव गाजियाबाद -2013
की गतिविधियाँ 
फूल की तरह खिलना चाहिए कलाकार को : रामवी सुतार
कला मनोरंजन नहीं है, बल्कि वह ऐतिहासिक रचना है जो एक बार बनने के बाद इतिहास के पन्नों में सदा के लिए अमर हो जाती है। जैसे बाग में खिले फूल को कोई तोडे़ या न तोड़े लेकिन फूल का काम खिलना है, ठीक उसी तरह कलाकार की कला को कोई सराहे या न सराहे, उसका कार्य कलाकृति बनाना है। कला से जुड़ी कुछ ऐसी ही बातें प्रख्यात मूर्तिकार पदमश्री रामवी सुतार ने कही।

देश के किसी भी कोने में आप जाए और कहीं भी यदि महात्मा गांधी की मूर्ति मिले तो, समझ लेना कि यह मूर्ति रामवी सुतार ने बनाई है। देश भर में गांधी जी की सर्वाधिक मूर्तियां बनाने वाले सुतार ने दैनिक जागरण से हुई बातचीत में कहा कि उन्हें गांधी जी की मूर्तियां बनाना बेहद पसंद है। हालांकि मौजूदा समय में मूर्तिकला मंहगाई की मार से सबसे ज्यादा जूझ रही है। पत्थर पर दिन रात चोट करके,उसे तराश कर जब मूर्तिकार उसे बाजार में बेचता है तो अधिकतर मूर्ति इसलिए नहीं बिक पाती, क्योंकि उनकी कीमत बहुत अधिक होती है और यहीं से कहीं न कहीं मूर्तिकार हताश होने लगता है। लेकिन हताश होने से कुछ नहीं होता। कलाकार के लिए धन ही सब कुछ नहीं होना चाहिए। वह बताते हैं, यदि आप कोई मूर्ति, कलाकृति अपने दोस्त,पड़ोसी को बनाकर देते हैं तो वह कलाकृति भी आपको प्रशंसा दिलाती है। इसलिए कलाकार को कला को सदैव धन से नहीं जोड़ना चाहिए।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में विशेषकर मूर्तिकला के क्षेत्र में कोई सरकारी सहायता भी न होने से भी मूर्तिकला का विस्तार नहीं हो पा रहा है। भारत की अपेक्षा विदेश में इस कला के कद्रदान अधिक हैं।
उद्घाटन मूर्तिकला कार्यशाला 
उद्घाटन मूर्तिकला कार्यशाला 
उद्घाटन मूर्तिकला कार्यशाला 
उद्घाटन चित्रकला कार्यशाला 
उद्घाटन चित्रकला कार्यशाला 
उद्घाटन चित्रकला कार्यशाला 
उद्घाटन चित्रकला कार्यशाला 
उद्घाटन चित्रकला कार्यशाला 


समापन चित्रकला कार्यशाला 

नोट-कला उत्सव में आमंत्रित कलाकारों के अतिरिक्त वे कलाकार जो मौलिक रचना करना चाहते हैं वे अपने काम के दो छाया चित्र, प्रोफाईल के साथ आवेदन कर आयोजन में अनुमोदनोपरान्त शरीक किए जा सकते हैं।
विद्यालयों एवं कालेजों के छात्रों के लिए भी उक्त शर्तें लागू होंगी। कला उत्सव में सृजित कृति कलाधाम की होगी।
-संयोजक 
गाजियाबाद में कला उत्सव आयोजित किये जाने की अवधारण  

कार्यशालाएं 
दिनांक                   आयोजन                                                                                                              समय
25.02.2013;    उद्घाटन मूर्तिकला कार्यशाला                                                                               12.00 बजे
26.02.2013'     मूर्तिकला कार्यशाला                                                                                     09.00 से 06.00
27.02.2013;     उद्घाटन चित्रकला कार्यशाला                                                                               12.00 बजे
28.02.2013;     मूर्तिकला कार्यशाला/चित्रकला कार्यशाला                                                       09.00 से 06.00
01.03.2013;     मूर्तिकला कार्यशाला/चित्रकला कार्यशाला                                                       09.00 से 06.00
02.03.2013;     मूर्तिकला कार्यशाला/चित्रकला कार्यशाला                                                       09.00 से 06.00
03.03.2013;     मूर्तिकला कार्यशाला/चित्रकला कार्यशाला                                                       09.00 से 06.00
04.03.2013;     प्रदर्शनी का शुभारम्भ/ कार्यशालाओं का समापन                                                         04.00

 सांस्कृतिक कार्यक्रम
इनके साथ साथ सह कार्यक्रमों में सांस्कृतिक कार्यक्रम सायं - 07 बजे से 10 बजे तक कलाधाम के 
ओपेन एअर थिएटर में आयोजित होंगे।







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